संतकबीरनगर। कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए स्वास्थ्य मन्त्रालय ने कोरोना को लेकर संदिग्ध लोगों को होम क्वैरेण्टाइन ( घर में अलग ) करने की गाइड लाइन जारी की है। मन्त्रालय का कहना है कि अगर आपके परिवार का कोई व्यक्ति विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति से किसी भी तरह से संपर्क में आया है तो एहतियात के तौर पर एक पखवाड़े तक अपने घर को होम क्वैरेण्टाइन (एकान्तवास) में बदल सकते हैं।
कोरोना के सम्बन्ध में बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम के प्रमुख डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि क्वैरेंटाइन लोगों को इनफेक्शन से बचाने और इसे फैलने से रोकने की दिशा में काफी कारगर साबित हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि जिस व्यक्ति में यह बीमारी फैलने की संभावना हो उसे यह बताना चाहिए कि अगर वह किसी भी तरह की लापरवाही करेगा और क्वैरेंटाइन प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं करेगा तो उसके परिवार के किसी दूसरे सदस्य को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है। इससे ऐसे लोग ज्यादा सावधान हो जाएंगे।
क्या है होम क्वैरेंटाइन?
क्वैरेंटाइन, आइसोलेशन की तरह ही होता है यानी अलग करना। जहां आइसोलेशन में बीमार व्यक्तियों को स्वस्थ्य व्यक्तियों से अलग रखा जाता है वहीं, क्वैरेंटाइन में उन व्यक्तियों को अलग किया जाता है जो किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हों जिसे वह संक्रामक बीमारी हुई हो और उनके भी बीमार होने का खतरा हो। होम क्वैरेंटाइन का मतलब है - घर में ही अलग रहना।
कैसे कर सकते हैं होम क्वैरेंटाइन?
कमरा हवादार होना चाहिए और उसमें अटैच्ड टॉयलेट और बाथरूम होना चाहिए, वह भी अपने घर में। अगर परिवार के किसी दूसरे सदस्य को भी उस कमरे में रहना पड़ रहा है तो वह हर वक्त उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहे।
बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे बरतें सतर्कता
घर में ऐसे व्यक्ति को बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से खासतौर पर दूर रहना चाहिए, क्योंकि इनमें वायरस जल्दी फैलने का खतरा ज्यादा होता है। भारत सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं उनके मुताबिक कोरोना वायरस पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को बच्चों से भी जरूरी दूरी बनाकर रखने के लिए कहा है।