गोरखपुर। सीबी नेट मशीन से कोरोना जांच में किट की कमी बड़ी परेशानी बन गई है। किट न होने से बीआरडी में सीबी नेट मशीन से जांच नहीं हो पा रही है। जबकि टीबी के इस मशीन से कोरोना जांच महज दो से तीन घंटे में ही हो जाएगी। बताया जा रहा है कि नेशनल टीबी कंट्रोल डायरेक्टरेट के यहां भी किट की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में मौजूदा समय में जांच संभव नहीं है। जबकि इस वक्त आरएमआरसी में जांच का बोझ भी बढ़ गया है। कोरोना संक्रमण की जांच अब तक आरएमआरसी में हो रही है। आरएमआरसी का बोझ कम करने के लिए मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायॉलोजी विभाग में लगे सीबी नेट मशीन से कोरोना जांच का फैसला लिया गया। ट्रायल के बाद इसकी जानकारी आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) को दी गई। जहां से उसे अनुमति तो मिल गई, लेकिन अब तक आईसीएमआर के वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए आईडी और पासवर्ड नहीं मिले हैं। लेकिन इस बीच सबसे बड़ा संकट सीबी नेट मशीन में कोरोना जांच के लिए लगने वाले किट की हो गई है। किट न मिलने से बीआरडी के सामने परेशानी बढ़ गई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी के लिए 20 से 25 किट ही मौजूद है। विशेषज्ञों की माने तो संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत या फिर जल्द से जल्द जांच के लिए इस किट का उपयोग किया जाएगा। सीबी नेट मशीन में कोरोना संक्रमण जांच के लिए किट अमेरिका से आते हैं। अमेरिका में कोरोना की ताबाही के कारण वह अन्य देशों को किट की सप्लाई नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि जहां से पूरे भारत में किट की सप्लाई होती है, वहां भी किट नहीं है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ गणेश कुमार का कहना है कि सीबी नेट मशीन में लगने वाला किट नेशनल टीबी कंट्रोल डायरेक्टरेट के यहां से उपलब्ध होता है। मौजूदा समय में वहां खुद किट नहीं है। इसकी वजह से किट नहीं मिल पा रहा है। इमरजेंसी में 20-25 किट ही बीआरडी के पास है।
किट न आ पाने से सीबी नेट मशीन से शुरू नहीं हो पा रही जांच