श्रमिकों से ट्रेन का किराया लेने, शराब की दूकान खोलने का फैसला घातक

बस्ती। समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने संकट के समय में गरीब मजदूरों को टेªनों के द्वारा उनके राज्यों में भेजे जाने के दौरान टिकट का पैसा लेने और उत्तर प्रदेश में शराब, बीयर की दूकानों को खोल दिये जाने के निर्णय की कड़े शव्दों में आलोचना करते हुये कहा है कि यह पूरी तरह से असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। मांग किया कि सरकार शराब, बीयर की दूकानों को खोले जाने का निर्णय वापस ले और श्रमिकों से टेªन व बस में किराया न लिया जाय।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में जब पूरा देश एकजुट होकर चुनौतियों का सामना कर रहा है ऐसे में सरकार को गरीबों, किसानों, छोटे व्यापारियों, खेतिहर मजदूरों के हितों के प्रति संवेदनशील होना चाहिये। सपा नेता ने कहा कि जिन गरीब मजदूरों के पास महानगरों में घर ही नहीं था वे लॉक डाउन कहां होते। किसी तरह से लॉक डाउन के दौरान जिन्दगी बचा लेेने वाले ऐसे श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से वापस कर दिये जाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण था जिनके पास पैसा हीं नहीं था। कहा कि संकट के समय देश की जनता, उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री सहायता कोष, मुख्यमंत्रियों के कोष एवं जिलाधिकारियों को पर्याप्त राशि दिया, आखिर उसका सदुपयोग किस रूप में किया जायेगा। सपा नेता महेन्द्र ने कहा कि इन दो निर्णयों से भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है। सरकार का धर्म है कि अपने नागरिकों की रक्षा करें किन्तु भाजपा सरकार तो संकट के समय उन गरीब मजदूरों से व्यापार कर रही है जो दाने-दाने को मोहताज है।