बस्ती। शत प्रतिशत शिक्षकों का मानव सम्पदा पोर्टल पर शैक्षिक अभिलेख,डाटा अपलोड नहीं हो पाया। समय सीमा भी बीत गई, लेकिन न तो शिक्षकों ने अपने शैक्षिक अभिलेख का सत्यापन कराया और न ही उसे पोर्टल पर अपलोड ही कराया। जबकि शासन स्तर पर इसे 31 जुलाई तक हर हाल में अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र और अंक पत्र अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। यह भी चेतावनी दी गई थी कि यदि समस्त शैक्षिक अभिलेख आनलाइन पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए तो सम्बन्धित शिक्षक और खण्ड शिक्षा अधिकारी के वेतन आहरण पर रोक लगा दी जाएगी। सम्बन्धित बीईओ के विरूद्ध भी अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी। इस चेतावनी का भी कोई असर नहीं पड़ा। सभी शिक्षकों ने अपने शैक्षिक अभिलेखों का न तो सत्यापन कराया और न ही उसे मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड ही कराया गया। एक बार फिर से ऐसे शिक्षकों को अंतिम अवसर दिया गया है जिससे वे 17 अगस्त तक अपने शैक्षिक अभिलेख आनलाइन अपलोड करा सके।
बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि शिक्षकों को ब्लाक स्तर पर उपस्थित होकर या स्वयं लागिन कर अपना सेवा विवरण चेक कराते हुए उसमें त्रुटि होने पर गूगल फार्म के अनुसार निराकरण करा लें। 31 जुलाई इसके लिए समय सीमा निर्धारित कर चेतावनी भी दी गई थी कि इसके बाद पोर्टल लाक कर दिया जाएगा। बावजूद इसके कतिपय शिक्षकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जबकि किसी शिक्षक के मानव सम्पदा पोर्टल पर शैक्षिक अभिलेख डाटा अपलोड सत्यापन में छूटने पर सम्बन्धित शिक्षक और बीईओ दोनो को उत्तरदायी मानते हुए उनका वेतन रोकने, अनुशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। इतना होने और चेतावनी जारी करने के बावजूद सभी शिक्षकों, कर्मियों के शैक्षिक अभिलेख आनलाइन अपलोड नहीं हो पाए। अनेक शिक्षकों ने अपना हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट, स्नातक, बीएड का अंक पत्र प्रमाणपत्र, बीटीसी का प्रमाण पर सत्यापन कराकर उसे मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड नहीं कराया । अंतिम अवसर देते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक ने बीएसए को शिक्षकों, कर्मियों के समस्त शैक्षिक अभिलेख आनलाइन अपलोड कराए जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि यदि इसके बावजूद किसी शिक्षक का मानव सम्पदा पोर्टल पर शैक्षिक अभिलेख/डाटा अपलोड सत्यापन से छूट जाता है तो सम्बन्धित शिक्षक और बीईओ को उत्तरदायी मानते हुए उसके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की जाएगी। आनलाइन डाटा अपलोड न होने पर सम्बन्धित, शिक्षक, बीईओ का वेतन आहरित न करने का भी निर्देश दिया गया है।