बस्ती। कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में गोलमाल की मण्डलायुक्त से शिकायत की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय‘सुदामा’ ने योजनाओं की स्थलीय जांच एवं कृषि यंत्र बिक्री करने वाली फर्मो की जांच कराते हुए दोषियों को दण्डित किए जाने की मांग की है।
आयुक्त को दिए गए सात सूत्रीय शिकायत में कहा गया है कि जिले में कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों को देय वर्मी कम्पोस्ट पिट योजना, उन्नतिशील कृषि प्रशिक्षण योजना का लाभ किसानों को न देकर कागजों में योजनाएं बनाकर धन हड़पने या चहेतों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इससे किसानों को उनका हक नहीं मिल पाता। एक ही परिवार के सदस्यों का नाम बदलकर कुछ फर्मो के संचालित किए जाने की शिकायत की गई है। कहा गया है कि ऐसी फर्मे किसानों को मिलने वाली योजना का लाभ पात्रों तक नहीं पहुंचने देते। कृषि विभाग में किन फर्मो से कृषि यंत्रों की खरीद की गई और क्या वे सभी मानक पूरा करते हैं इसकी जांच कराते हुए अनुदान का स्थलीय सत्यापन कराए जाने, वर्मी कम्पोस्ट पिट के निर्माण के लिए किसानों को देय अनुदान का स्थलीय सत्यापन कराने, वर्ष 20 में कृषि विभाग की साइट से टोकन कट जाने के मामले की जांच कराते हुए दोषियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाने, उन्नतिशील खेती को बढ़ावा देने के लिए होने वाले प्रशिक्षण और कृषकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में बंदरबाट का आरोप लगाते हुए उसकी भी जांच कराए जाने, कम्बाइन जैसे कृषि यंत्रों को डीडी एग्रीकल्चर के चहेते कर्मचारियों को मिल जाने और पात्र किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की गई है। समूचे मामले की त्वरित जांच कराते हुए दोषियों को दण्डित किए जाने का आग्रह किया गया है। कहा गया है कि यदि मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो किसानों, नौजवानों के अधिकारों को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन को बाध्य होना पड़ेगा।